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Writer's pictureAnshul P

Rv 1.16.1

Rig Ved 1.16.1


आ त्वा वहतु हरयो वृषणं सोमपीतये ।

इंद्र त्वा सूरचक्षसः |


Translation:-


त्वा - Yours.


आ वहंतु - Do come.


हरयः - Horses.


वृषणम् - Attractive.


सोमपीतये - To drink Somras.


इंद्र - Oh Indradev!


त्वा - The Priests making you shine through chanting hymns.


सूरचक्षसः - The Priests appear to be luminous in sunlight



Explanation:-Oh the strongest Indradev! May your stunning Horses drive you upto the Yagyashala to drink Somras and the the Priests with faces shining like the Sun, may sing hymn in your praise.


Deep meaning:- While performing pooja ved mantra chanting pleases the god.


#मराठी


ऋग्वेद १.१६.१


आ त्वा वहतु हरयो वृषणं सोमपीतये ।

इंद्र त्वा सूरचक्षसः |


भाषांतर :-


त्वा - आपले.


आ वहंतु - घेऊन येणे.


हरयः - अश्व.


वृषणम् - कामवर्षक.


सोमपीतये - सोम प्राशन करणे.


इंद्र - हे इन्द्रदेव!


त्वा - आपल्या मंत्रानी प्रकाशित करणे.


सूरचक्षसः - सूर्या समान चमकणारे ऋत्विक.



भावार्थ :- हे बऴवान इन्द्रदेव! आपले तेजस्वी अश्व सोमरस प्राशन करण्या हेतु आपल्याला यज्ञस्थळावर आणावे आणि सूर्या सारखे प्रकाशित ऋत्विक आपली स्तुति करतील.



#हिंदी



ऋग्वेद १.१६.१


आ त्वा वहतु हरयो वृषणं सोमपीतये ।

इंद्र त्वा सूरचक्षसः |


अनुवाद :-


त्वा - आपको।


आ वहंतु - लाना।


हरयः - घोडे।


वृषणम् - कामवर्षक।


सोमपीतये - सोमपान करना।


इंद्र - हे इंद्रदेव!


त्वा - आपको मंत्रों से प्रकाशित करें।


सूरचक्षसः - सूर्य के समान प्रकाशमान ऋत्विज।



भावार्थ :- हे बलवान इन्द्रदेव! आपके तेजस्वी घोडे सोमरस पीने के लिए आपको यज्ञशाला मे लाएं और सूर्य के समान प्रकाशमान ऋत्विज मंत्रों द्वारा आपकी स्तुति करें।



https://twitter.com/Anshulspiritual/status/1226885606518722563?s=19

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