Rig Ved 1.1.6
यदंग दाशुषे त्वमग्ने भद्रं करिष्यसि।
तवेत्तत सत्यमङ्गिरः।।
Translation:-
यदंग -
A)यद means Which/Whom/That/Those
B)अंग means dear one
दाशुषे - Person who performs and gives offerings in
Yagna
त्वमग्ने -
A)त्वम means You
B)अग्ने means Agni dev
भद्रं - भद्रं means Well being/Prosperity in terms of Wealths, Gold Ornanents, Land etc.
करिष्यसि - To do
तवेत्तत - Your only
सत्यमङ्गिरः -
A)सत्य means This eternal Truth
B)अंगिरा means Ignited Fire , Other meaning can be Rishi Angira's Creator as according to 1 of the puranas Angira was born through Agni(Fire)
Explanation:-
Agni dev who is beloved to all and you give prosperity and blessings to the person who performs and gives offerings in Yagna. Hence for our well being/Prosperity we all should do Yagna in front of ignited fire which is the universal Truth.
#मराठी:-
ऋग वेद 1.1.6
यदंग दाशुषे त्वमग्ने भद्रं करिष्यसि।
तवेत्तत सत्यमङ्गिरः।।
भाषांतर: -
यदंग -
A) यदं म्हणजे जे / ते / तो / ती
B) अंग म्हणजे प्रिय
दाशुषे - यजमाम
त्वमग्ने -
A) त्वम म्हणजे तुम्ही
B) अग्ने म्हणजे अग्नि देव
भद्रं - भद्रं म्हणजे कल्याण (उधारणात सम्पति, घर, आणी प्रजा.)
करिष्यसि - करणे.
तवेत्तत - आपले फक्त.
सत्यमङ्गिरः -
A) सत्य म्हणजे हेच सत्य आहे.
B) अंगिरा म्हणजे अग्निशामक अग्नि, इतर अर्थ ऋषि अंगीराचा निर्माता असू शकतो, त्यानुसार 1 पुराणात अंगीर हे अग्नितुन जन्म झालेला होता.
स्पष्टीकरण: -
अग्नि देव सर्वांचा प्रिय आहे आणि यज्ञात अर्पण करणारा आणि अर्पण करणार्या व्यक्तीला आपण समृद्धी आणि आशीर्वाद देतो. म्हणूनच आपल्या कल्याणासाठी / समृद्धीसाठी आपण सर्वांनी अग्निमय अग्निच्या समोर यज्ञ करावे जे सार्वभौम सत्य आहे.
#हिंदी:-
ऋग वेद .1.1.6
यदंग दाशुषे त्वमग्ने भद्रं करिष्यसि।
तवेत्तत सत्यमङ्गिरः।।
अनुवाद: -
यदंग -
A) यद का मतलब है वह/जो ।
B) अंग का मतलब प्रिय है।
दाशुषे - यजमान जो यज्ञ में हविश डालता है।
त्वमग्ने -
A) त्वम का मतलब है आप
B) अग्नि का मतलब अग्नि देव है
भद्रं - भद्र का अर्थ है कल्याण (उदहारण स्वर्ण अध्यादेश, भूमि, सम्पती इत्यादि के मामले में अच्छी तरह से समृद्धि।
करिष्यसि - करते हो।
तवेतत - आपका ही।
सत्यमङ्गिरः -
A) सत्य का अर्थ यह सत्य है
B) अंगिरा का अर्थ है प्रज्वलित अग्नि, अन्य अर्थ ऋषि अंगिरा के निर्माता हो सकते हैं क्योंकि 1 पुराण के अनुसार अंगिरा अग्नि (आग) के माध्यम से पैदा हुए थे।
स्पष्टीकरण: -
अग्नि देव जो सभी के लिए प्रिय है और आप उस व्यक्ति को समृद्धि और आशीर्वाद देते हैं जो यज्ञ करता है। इसलिए हमारे कल्याण / समृद्धि के लिए हम सभी को प्रज्वलित अग्नि के सामने यज्ञ करना चाहिए जो सर्वथा सत्य है।
https://twitter.com/anshulmytho/status/1054798566454190080?s=19
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