Rig Ved 1.1.7
उप त्वाग्ने दिवेदिवे दोषावस्तर्धिया वयम् । नमो भरन्त एमसि।
Translation:-
उप - Nearby
त्वाग्ने -
A} त्वा means Your.
B} अग्ने means Agni dev
दिवेदिवे - Everyday
दोषावस्तर्धिया -
A}दोषावस्त means Day and Night
B}र्धिया means Mindfully
वयम् - Everybody(Here Everybody refers to the person who performs Yagna)
नमो - Praying
भरन्त - By doing
एमसि - To come
Explanation:- Ohh Agni dev we(Person who performs Yagna) all bow down and pray to you so we can come closer to you for that we ))pray everyday, Every Night and day to come more closer to you.
#मराठी:-
ऋग वेद 1.1.7
उप त्वाग्ने दिवेदिवे दोषावस्तर्धिया वयम् । नमो भरन्त एमसि।
भाषांतर:-
उप - जवऴ.
त्वाग्ने -
A} त्वा -आपला.
B} अग्ने -अग्निदेव.
दिवेदिवे - प्रत्येक दिवस.
दोषावस्तर्धिया -
A}दोषावस्त -रात्रौ दिवस.
B}र्धिया -विवेकपूर्ण.
वयम् - प्रत्येक माणुस. (इथे यज्ञ करणार्या माणुस)
नमो - नमस्कार.
भरन्त - करणे.
एमसि - येणे.
हे अग्निदेव आम्ही(यज्ञ करणारा)नतमस्तक होउन रात्रौ दिवस तुमची प्रार्थना करतो, आम्ही तुमच्या जवऴ येॆउ म्हणून आम्ही प्रत्येक दिवशी तुमची प्रार्थना करतो.
#हिंदी:-
ऋग वेद 1.1.7
उप त्वाग्ने दिवेदिवे दोषावस्तर्धिया वयम् । नमो भरन्त एमसि।
उप - समीप।
त्वाग्ने -
A} त्वा का मतलब है आपका।
B} अग्नि का मतलब अग्नि देव है।
दिवेदिवे - प्रतिदिन।
दोषावस्तर्धिया -
A} दोषावस्त का मतलब दिन और रात।
B} र्धिया का मतलब बुद्धिपूर्वक है।
वयम् - हुम् सब लोग। (यहां हर कोई उस व्यक्ति को संदर्भित करता है जो यज्ञ करता है)
नमो - नमस्कार।
भरन्त - करते हुए।
एमसि - आते है।
स्पष्टीकरण: - हे अग्नि देव हम (जो व्यक्ति यज्ञ करता है) सभी यज्ञ अनुष्ठान करके आपकी प्रार्थना प्रतिदिन करते हैं ताकि हम आपके करीब आ सकें ताकि हम रोज़ाना प्रार्थना कर सकें, हर रात और हर दिन आपके करीब आते हैं।
https://twitter.com/anshulmytho/status/1055164588810006533?s=19
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