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RV 1.13.10

Rig Ved 1.13.10


इह त्वष्टारमग्रियं विश्वरूपमुप ह्वये ।

अस्माकमस्तु केवलः ॥


Translation:-


इह - In this Yagyakarma.


त्वष्टारम् - Agni named Tvashta.


अग्रियम् - Superior.


विश्वरूपम् - Variety of facades.


उप ह्वये - To call.


अस्माकम् - Ours.


अस्तु - Be there.


केवलः - Only for us.


Explanation:- This mantra is addressed to Agni named Tvashta, Who has variety of facades(roop) and he also is superior. Tvashta Agni is requested to "be there" only for us(yajmans), It means that this Agni should favour us more than the others.


Deep meaning: -As per the law of karmkaand Every human being desires total protection from evil. This desire is reflected in this mantra, Where Lord is requested to give this him/her special protection.


#मराठी


ऋग्वेद १.१३.१०


इह त्वष्टारमग्रियं विश्वरूपमुप ह्वये ।

अस्माकमस्तु केवलः ॥


भ‌ाषांतर:-


इह - ह्या यज्ञकर्मात.


त्वष्टारम् - त्वष्टा नावाची अग्नि.


अग्रियम् - श्रेष्ठ.


विश्वरूपम - विविध रूप युक्त.


उप ह्वये - बोलवणे.


अस्माकम् - आमच्या.


अस्तु - होणे.


केवलः - केवळ.


भावार्थ :-

ह्या मंत्रा मध्ये त्वष्टा नावाची अग्निला श्रेष्ठ आणी विविध रूपी अशा संबोधन केलेले आहे. त्वष्टा अग्निला, फक्त "आमच्या कडेच" राहण्याची विनंती पण केलेली आहे.तात्पर्य हे आहे की ही अग्नि "दुसऱ्यांचा अपेक्षा आमच्या वर" विशेष अनुग्रह करा,हे निहीत आहे.


#हिंदी


ऋग्वेद १.१३.१०


इह त्वष्टारमग्रियं विश्वरूपमुप ह्वये ।

अस्माकमस्तु केवलः ॥


अनुवाद :-


इह - इस यज्ञकर्म में।


त्वष्टारम् - त्वष्टा नामक अग्नि।


अग्रियम् - श्रेष्ठ।


विश्वरूपम्- विविध रूपों से युक्त।


उप ह्वये - बुलाना।


अस्माकम् - हमारे।


अस्तु - होना।


केवलः - केवल हमारे लिए ।


भावार्थ :- इस मंत्र मे त्वष्टा नामक अग्नि को बुलाया गया है,जिसे श्रेष्ठ और विविध रूपों वाला बताया गया है। त्वष्टा अग्नि से प्रार्थना की गयी है कि "आप केवल हमारे लिए हों" अर्थात दूसरों की अपेक्षा हम पर विशेष अनुग्रह करें।




https://twitter.com/Anshulspiritual/status/1207328329768022018?s=19

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