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Rv 1.15.10

Rig Ved 1.15.10


यत्त्वा तुरीयमृतुभिर्द्रविणोदो यजामहे ।

अध स्मा नो ददिर्भव ॥


Translation:-


यत् - For that reason.


तुरीयम् - Fourth share.


ऋतुभि - As per the season.


र्द्रविणोदः - Oh the Wealth giving Deity!


यजामहे - To dedicate.


अध - For that reason.


भव स्म - To do it definitely.


नः - For us.


ददिः - The giver of Wealth..


Explanation:- This mantra States that the wealth giving Deities wish to drink Somras.Therefore Oh Priests! Please provide them the fourth share of Somras, so that they may happily provide you with ample wealth.


Deep meaning:- God will always be happy with you and will fill you with ample of wealth, if you remember him in prayars on daily basis.


#मराठी


ऋग्वेद १.१५.१०


यत्त्वा तुरीयमृतुभिर्द्रविणोदो यजामहे ।

अध स्मा नो ददिर्भव ॥


भाषांतर :-


यत् - ज्या कारणाने.


तुरीयम् -चौथे भाग.


ऋतुभि -ऋतुनुकूल.


र्द्रविणोदः - हे धनाचे दाता देव!


यजामहे - अर्पण करणे.


अध - ज्या कारणें.


भव स्म - अवश्य करणे.


नः - आमच्या साठी.


ददिः -दान करणारे.


भावार्थ :-ह्या मंत्रात म्हटले आहे की धन प्रदान करणारे हे देव सोमरसाचा प्राशन करण्यास इच्छुक आहेत. म्हणून हे ऋत्विक! ह्या देवांना ऋतुनुकूल सोमरसाचा चौथा भाग प्रदान करा,ज्याने हे देव प्रसन्न होउन आपल्याला धन प्रदान करतील.






#हिंदी


ऋग्वेद १.१५.१०


यत्त्वा तुरीयमृतुभिर्द्रविणोदो यजामहे ।

अध स्मा नो ददिर्भव ॥


अनुवाद :-


यत् - जिस कारण से।


तुरीयम् - चौथा भाग।


ऋतुभि - ऋतुओं के अनुसार।


र्द्रविणोदः - हे धन के दाता देव।


यजामहे - अर्पण करते हैं।


अध - इस कारण।


भव स्मा - अवश्य होगा।


नः - हमारे लिए।


ददिः - दान करनेवाले।


भावार्थ :- इस मंत्र में कहा गया है कि धन प्रदान करनेवाले देव सोमरस का पान करना चाहते हैं। अतः हे याजकों! इन देवताओं को ऋतुके अनुसार सोम का चौथा भाग प्रदान करो,जिससे यह देव प्रसन्न होकर तुम्हें धन प्रदान करें।




https://twitter.com/Anshulspiritual/status/1223640438491381760?s=19

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