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Writer's pictureAnshul P

Rv 1.17.3

Rig Ved 1.17.3


अनुकामं त॑र्पयेथामिंद्रावरुण राय आ ।

ता वां नेदिष्ठमीमहे ॥


Translation:-


अनुकामम् - As per the wishes.


आ त॑र्पयेथाम् -Satisfied.


इंद्रावरुण - Oh Deities named Indra and Varun.


रायः - Wealth.


ता - Those.


वाम् - Both.


नेदिष्ठम् - Very close.


ईमहे - To wish.


Explanation:- In this mantra,the Yajmans pray to the two Deities to attain wealth as per their wishes and for this they wish to be very close to the Deities.



Deep meaning:- Wealth is attained through Gods grace only.



#हिंदी



ऋग्वेद १.१७.२


अनुकामं त॑र्पयेथामिंद्रावरुण राय आ ।

ता वां नेदिष्ठमीमहे ॥


अनुवाद :-


अनुकामम् - इच्छा के अनुसार।


आ त॑र्पयेथाम् - तृप्त करें।


इंद्रावरुण - हे इन्द्र और वरूण नामक देवों!


रायः - धन देकर।


ता - उन।


वाम् - दोनों को।


नेदिष्ठम् -अतिशय समीप।


ईमहे - कामना करना।


भावार्थ :-इस मंत्र में यजमान की इच्छा के अनुरूप धन प्रदान करने के लिए वह इन्द्र और वरूण नामक दोनों देवों से समीपता प्राप्त कर के लाभ की कामना करता है।




#मराठी



ऋग्वेद १.१७.२


अनुकामं त॑र्पयेथामिंद्रावरुण राय आ ।

ता वां नेदिष्ठमीमहे ॥


भाषांतर :-


अनुकामम् - इच्छेस अनुरूप.


आ त॑र्पयेथाम् - तृप्त करणे.


इंद्रावरुण - हे इन्द्र आणि वरूण नावाचे देव!


रायः - धन.


ता - त्या.


वाम् - दोघा ना.


नेदिष्ठम् - अतिशय समीप.


ईमहे - कामना करणे.


भावार्थ :-ह्या मंत्रात यजमान आपली इच्छेच्या अनुरूप धन प्राप्त करण्या साठी इन्द्र आणि वरूण ह्या दोघे देवांचे जवळ जाउन लाभ घेण्याची इच्छा ठेवतो.



https://twitter.com/Anshulspiritual/status/1232702026997305345?s=19


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