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Writer's pictureAnshul P

Rv 1.17.7

How to attain Victory & Health according to Rig Ved 1.17.7


इंद्रावरुण वामहं हु॒वे चित्राय राधसे ।

अस्मान्त्सु जिग्युषस्कृतं।।


Translation:-


इंद्रावरुणा - Oh, Indra and Varun named Deities !


वाम् - You two.


हु॒वे - To call.


चित्राय - In all the possible ways.


राधसे - To attain Wealth.


अस्मान् - For us.


सु - In all aspects.


जिग्युषः - Victorious.


कृतम् - To do.


अहम् - Me.



Explanation:- This mantra says that if the Yajmans pray to Indra and Varun with a pure heart, they get all types of Wealth. They also become victorious in best way.


Deep meaning: This mantra shows us the way to attain Wealth and Victory.


#मराठी



ऋग्वेद १.१७.७


इंद्रावरुण वामहं हु॒वे चित्राय राधसे ।

अस्मान्त्सु जिग्युषस्कृतं ॥


भाषांतर :-


इंद्रावरुणा - हे इन्द्र आणि वरुण नावाचे देव!


वाम् - आपण दोघे.


हु॒वे - बोलवणे.


चित्राय - नाना प्रकार चे.


राधसे - धन प्राप्ति हेतु.


अस्मान्त्सु - आम्हास.


जिग्युषः - जय युक्त.


कृतम् - केलेले.


अहम् - मी.


सु - सर्व प्रकारे.



भावार्थ :-ह्या मंत्राचा अभिप्रेत हे आहे की जे यजमान खरे ह्दयाने इन्द्र आणि वरूण ह्यांची प्रार्थना करतात, त्याना सर्व प्रकाराचे धनाची प्राप्ती होते.त्यांना उत्तम प्रकारचा विजय पण लाभत असतो.



#हिंदी


ऋग्वेद १.१७.७


इंद्रावरुण वामहं हु॒वे चित्राय राधसे ।

अस्मान्त्सु जिग्युषस्कृतं ॥


अनुवाद :-


इंद्रावरुणा - हे इन्द्र और वरूण नामक देव!


वाम् - आप दोनो को।


हु॒वे - बुलाना।


चित्राय - विविध प्रकार के।


राधसे - धन प्राप्ति हेतु।


अस्मान्त् - हमको।


सु - सभी प्रकार से।


जिग्युषः -जय युक्त।


कृतम् - करें।


अहम् - मैं।



भावार्थ :-इस मंत्र का अभिप्राय यह है कि जो यजमान सच्चे ह्दय से इन्द्र और वरूण की प्रार्थना करते हैं,उन्हें सभी प्रकार के धन की प्राप्ति होती है। ऐसे यजमान को उत्तम विजय भी प्राप्त होती है।



https://twitter.com/Anshulspiritual/status/1234879206909079553?s=19

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