Three Important aspects of human life is portrayed i.e Organizing, Guidance and Nutrition @ Rig Ved 1.18.4
स घा वीरो न रिष्यति॒ यमिंद्रो ब्रह्मण॒स्पतिः ।
सोमो हि॒नोति मर्त्यं ॥
Translation:-
सः घ - That person.
वीरः - Able bodied.
न रिष्यति॒ - Never spoils.
इद्रः - Indradev.
ब्रह्मण॒स्पतिः - Brahaspati dev.
सोमः - Somdev.
हि॒नोति - To increase.
यं मर्त्यंम् - For the person.
Explanation:- This mantra says that if a person has the blessings of Indradev, Brahaspati dev and Somdev,he can overcome the power of cruel and violent people. Indradev teaches Organizing, Brahaspati dev gives guidance and Somdev provides nutrition to be able bodied and which will never let a person to become weak.
Deep meaning: Three Important aspects of human life, i.e Organizing, Guidance and Nutrition are provided by God's grace.
#मराठी
ऋग्वेद १.१८.४
स घा वीरो न रिष्यति॒ यमिंद्रो ब्रह्मण॒स्पतिः ।
सोमो हि॒नोति मर्त्यं ॥
भाषांतर :-
सः घ - ते.
वीरः - सामर्थ्य वान.
न रिष्यति॒ - अविनाशी.
इंद्रः - इन्द्रदेव
ब्रह्मण॒स्पतिः - ब्रहस्पतिदेव.
सोमः - सोमदेव.
हि॒नोति - वृद्धी करणे.
यं मर्त्यंम् - ज्या मनुष्याला.
भावार्थ :- ह्या मंत्राचा अभिप्रेत हे आहे की ज्या मानवावर इन्द्रदेव, ब्रहस्पतिदेव आणि सोमची कृपा असते तो कधीही धूर्त आणि हिंसक व्यक्तिशी घाबरत नाही.ज्याला इन्द्रदेव पासून संगठन कला,ब्रहस्पतिदेव पासून मार्गदर्शन आणि सोमदेव पासून पोषण मिळत असतो, तो कधी क्षीण होणार नाही.
#हिंदी
ऋग्वेद १.१८.४
स घा वीरो न रिष्यति॒ यमिंद्रो ब्रह्मण॒स्पतिः ।
सोमो हि॒नोति मर्त्यं ॥
अनुवाद :-
सः घ - वह।
वीरः - सामर्थ्यशाली
न रिष्यति - अविनाशवान।
इंद्रः - इन्द्र.
ब्रह्मण॒स्पतिः - ब्रहस्पतिदेव.
सोमः - सोम.
हि॒नोति - बढाते हैं।
यं मर्त्यंम् - जिस मनुष्य को।
भावार्थ :-इस मंत्र में कहा गया है कि जिस मनुष्य पर इन्द्र,ब्रहस्पतिदेव और सोम की कृपा होगी वह कभी भी धूर्त और हिंसक व्यक्ति का सामना कर सकता है। इन्द्रदेव से संगठन, ब्रहस्पतिदेव देव से मार्गदर्शन और सोम से पोषण प्राप्त व्यक्ति कभी क्षीण नही हो सकता।
https://twitter.com/Anshulspiritual/status/1237783926938140674?s=19
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