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Writer's pictureAnshul P

Rv 1.18.8

Importance to Non Violence and Charity been given @ Rig Ved 1.18.8


आदृ॑ध्नोति ह॒विष्कृ॑तिं॒ प्रांचं॑ कृणोत्यध्व॒रं ।

होत्रा॑ दे॒वेषु॑ गच्छति ॥


Translation:-



आत् - After this.


ऋध्नोति - Progress.


ह॒विष्कृ॑तम् - To prepare offerings.


प्रांचम् - In Yagya.


कृणोति - Increased.


अध्व॒रम् - Non violent.


होत्रा॑ - Words of praise.


दे॒वेषु॑ - To deities.


गच्छति - To send


Explanation:-This mantra says that without the blessings of deities none of our deeds are fulfilled.The deities guide us towards the right path.They help the charitable Yajmans who distribute foodgrains, they encourage deeds of non violence and carry our hymns to God


Deep meaning: God showers his grace on non violent and charitable people.


#मराठी



ऋग्वेद १.१८.८


आदृ॑ध्नोति ह॒विष्कृ॑तिं॒ प्रांचं॑ कृणोत्यध्व॒रं ।

होत्रा॑ दे॒वेषु॑ गच्छत:-


भाषांतर:



आत् - ह्याचा नंतर.


ऋध्नोति - उन्नती करणे.


ह॒विष्कृ॑तिम् - हवि तैयार करणारे.


प्रांचम् - यज्ञाला.


कृणोति - वृद्धि करणे.


अध्व॒रम् - हिंसारहित.


होत्रा॑ - प्रशंसा चे शब्द.


दे॒वेषु॑ - देवतां कडे.


गच्छति - प्रेषित करणे.


भावार्थ :- देवतांचे सहाय्याने आपले कर्म सफल होतात कारण ते आमची बुद्धिला प्रेरणा देउन सन्मार्गाला नेउन जातात.हे देवता अन्नदान करणाऱ्यांना उन्नत करतात ,हिंसारहित कर्मांची वृद्धि करतात आणि स्त्रोत पठन करणारे यजमानांची प्रार्थना देवतांकडे प्रेषित करतात.



#हिंदी



ऋग्वेद १.१८.८


आदृ॑ध्नोति ह॒विष्कृ॑तिं॒ प्रांचं॑ कृणोत्यध्व॒रं ।

होत्रा॑ दे॒वेषु॑ गच्छति ॥


अनुवाद :-



आत् - इसके बाद।


ऋध्नोति - उन्नति करते हैं।


ह॒विष्कृ॑तिम् - हवि तैयार करनेवाले।


प्रांचम् - यज्ञ को।


कृणोति - बढाते हैं।


अध्व॒रम् - हिंसारहित।


होत्रा॑ - प्रशंसा के शब्द।


दे॒वेषु॑ - देवों तक।


गच्छति - पहुंचा देते हैं।


भावार्थ: देवताओ की सहायता के बिना कोई भी कर्म सफल नही होता, इसलिए वे मनुष्यों की बुद्धि को प्रेरित करते हुए सन्मार्ग का रास्ता दिखाते हैं। ये देवता अन्नदान करनेवालो की उन्नति करते हैं,हिंसारहित कर्मो को बढाते हैं और स्त्रोतों को कहनेवालों की प्रार्थना देवताओं तक पहुँचाते हैं।




https://twitter.com/Anshulspiritual/status/1240318717701087234?s=19

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