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Writer's pictureAnshul P

RV 1.2.3

Rig ved 1.2.3


वायो॒ तव प्रपृंचती धेना जिगाति दाशुषे॑ ।उरूची सोमपीतये।


Translation:-


वायो - Ohh Vayu dev


तव - Your's.


प्रपृंचती - The person illustrating the virtues of somras.


धेना - Sound/ Voice.


जिगाति - I will drink the somras.


दा॒शुषे॑ - Near to yajmaan (Person who performs the Yagya).


उरूची - Vayu that reaches at same time All together goes near All Yajmaans(Person who performs Yagna).


सोमपीतये - For the sake drinking Somras.


Explanation:-


Vayu sound reaches at same time All together near All Yajmaans(Person who performs Yagna)by brushing through Som lata and illustrates the virtues of somras, Vayu assures to all Yajmanas that i will surely dring that somras made by you.


#मराठी:-


ऋग वेद 1.2.3


वायो॒ तव प्रपृंचती धेना जिगाति दाशुषे॑ ।उरूची सोमपीतय।



अनुवाद:-


वायो - है वायु देव!


तव - आपला .


प्रपृंचती -सोमरसाचा गुणधर्म सांगणारा .


धेना - ध्वनि.


जिगाति - मी सोमरसाचा पान करणार.


दा॒शुषे॑ - यजमानाचा जवळ.


उरूची - यजमानांचा जवळ एकाच वेळी निकट जाणारा वायु .


सोमपीतये - सोमरस पिण्याच्या निमित्त .



स्पष्टीकरण:-


वायु सोमलता चा स्पर्श करून त्याचा गुणधर्म वाहून एकाच वेळी सर्व यजमानांच्या जवळ जाउन आश्वस्त करतो की मी निश्चित पणे सोमलतेचा पान करिन.


#हिंदी:-


ऋग वेद 1.2.3


वायो॒ तव प्रपृंचती धेना जिगाति दाशुषे॑ ।उरूची सोमपीतय।



अनुवाद:-


वायो - है वायु देव!


तव - आपका।


प्रपृंचती - सोम के गुणों का वर्णन करने वाली।


धेना - ध्वनि।


जिगाति - सोमरस का पान करना।


दा॒शुषे॑ - यजमान के समीप।


उरूची - वायु जो एक ही साथ सभी यजमानो के निकट पहुच जाती है।


सोमपीतये - सोम पान के निमित्त।



स्पष्टीकरण:-


वायु ध्वनि जो एक ही साथ सभी यजमानो के निकट सोम लता को स्पर्श करते हुए और सोम का महत्व बतलाते हुए पहुचती है। वायु देव सभी यजमानो को आश्वश्त करते है कि वे उस सोम रस का पान निश्चित करेंगे।


https://twitter.com/Anshulspiritual/status/1058708107310682112?s=19

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