Parmatma is omnipresent and omniscient. His presence is there everywhere in the Universe according to Rig Ved 1.22.16
अतो॑ दे॒वा अ॑वंतु नो॒ यतो॒ विष्णु॑र्विचक्र॒मे ।
पृ॒थि॒व्याः स॒प्त धाम॑भिः ॥
Translation:-
अतः - This.
दे॒वाः - All Deities.
अ॑वंतु - To protect.
नः - Ours.
विष्णुः - Parmeshwar Vishnu dev.
र्विचक्र॒मे - To walk on foot.
यतःपृ॒थि॒व्याः - Soil of that region.
स॒प्त धाम॑भिः - Seven Dhaam or adobe.
Explanation:-In this mantra the importance of Vishnu is mentioned. It says that nearly the entire universe traveled by Vishnu is known as Dhaam or adobe. There are seven Dhaam's( Bhulok, Bhuvarlok, swargalok, Maharlok,Janlok, Tapolok and Satyalok) .So whichever region that Vishnu has traveled, the extensive region traveled by him makes him able and mighty. So all the Deities are requested to carry his abilities and protect the Yajmans.
Deep meaning:- Parmatma is omnipresent and omniscient. His presence is there everywhere in the Universe
Note:- 7 Lok details👇
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#मराठी
ऋग्वेद १.२२.१६
अतो॑ दे॒वा अ॑वंतु नो॒ यतो॒ विष्णु॑र्विचक्र॒मे ।
पृ॒थि॒व्याः स॒प्त धाम॑भिः ॥
भाषांतर :-
अतः - ह्या.
दे॒वाः - समस्त देव.
अ॑वंतु - रक्षण करणे.
नः - आमचे.
विष्णुः - परमेश्वर विष्णू ने.
र्विचक्र॒मे - विविध प्रकाराने पादक्रमण करणे.
यतःपृ॒थि॒व्याः - ज्या भू प्रदेशात.
स॒प्त धाम॑भिः - सात धाम किंवा लोक.
भावार्थ :-ह्या मंत्रा मध्ये विष्णू चे भ्रमण क्षेत्रास सात धाम किंवा सात लोक(भूलोक, भुवर्लोक,स्वर्गलोक,महर्लोक,जनलोक, तपोलोक सत्यलोक) म्हटले आहे.ज्या भूलोकात विष्णू ने आपले पादक्रमणाने भ्रमण केला होता,त्या प्रदेशातल्या विष्णू सारखे व्यापक देवांचे सामर्थ्य घेउन समस्त देव आमचे रक्षण करा.
#हिंदी
ऋग्वेद १.२२.१६
अतो॑ दे॒वा अ॑वंतु नो॒ यतो॒ विष्णु॑र्विचक्र॒मे ।
पृ॒थि॒व्याः स॒प्त धाम॑भिः ॥
अनुवाद :-
अतः - इस।
दे॒वाः - सभी देव।
अ॑वंतु - रक्षा करें।
नः - हमारी।
विष्णुः - परमेश्वर विष्णु ने।
र्विचक्र॒मे - विविध प्रकार से पादक्रमण करना।
यतःपृ॒थि॒व्याः - जिस भू प्रदेश से।
स॒प्त धाम॑भिः - सात धाम या सात लोक।
भावार्थ :-इस मंत्र मे विष्णु के भ्रमण क्षेत्र को सात धाम(भूलोक, भुवर्लोक,स्वर्गलोक, महर्लोक, जनलोक, तपलोक और सत्यलोक )कहा गया हैृ।जिस भू प्रदेश मे विष्णु ने पादक्रमण से भ्रमण किया था,उस भू प्रदेश के में विष्णु जैसे व्यापक देव का सामर्थ्य लेकर सभी देव हमारी रक्षा करें।
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