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Writer's pictureAnshul P

RV 1.23.18

Updated: May 28, 2020

In this mantra the cleansing and purifying of Rivers is mentioned. Rivers are cleansed in three ways-by Yagya, Rains and Fire. Cleansing and purifying also means of not throwing unnecessary things into the River @ Rig Ved 1.23.18


अ॒पो दे॒वीरुप॑ ह्वये॒ यत्र॒ गावः॒ पिबं॑ति नः ।

सिंधु॑भ्यः॒ कर्त्वं॑ ह॒विः ॥


Translation:-


अ॒पः दे॒वीः - To Water Goddess.


उप॑ ह्वये॒ - To sing in Praise.


यत्र - That place.


गावः॒ - Cows.


पिबं॑ति - To drink.


नः - Ours.


सिंधु॑भ्यः॒ - For the rivers.


कर्त्वंम् - To dedicate.


ह॒विः - Offering.


Explanation:-This mantra says that those rivers where our cows drink water, are Worthy of being praised. We should dedicate Yagya offerings to them.


Deep meaning, :In this mantra the cleansing and purifying of Rivers is mentioned. Rivers are cleansed in three ways-by Yagya, Rains and Fire. Cleansing and purifying also means of not throwing unnecessary things into the River.


#मराठी, #ଓଡ଼ିଆ and #हिंदी translation 👇




#मराठी


ऋग्वेद १.२३.१८


अ॒पो दे॒वीरुप॑ ह्वये॒ यत्र॒ गावः॒ पिबं॑ति नः ।

सिंधु॑भ्यः॒ कर्त्वं॑ ह॒विः ॥


भाषांतर :-


अ॒पः दे॒वीः - जल देवीला.


उप॑ ह्वये॒ - प्रशस्ति गायन करणे.


यत्र॒ - जिकडे.


गावः॒ - गाई.


पिबं॑ति - प्राशन करणे.


नः - आमचे.


सिंधु॑भ्यः॒ - नदीं साठी.


कर्त्वम् - अर्पित करणे.


ह॒विः - प्राशन करणे.


भावार्थ :- ह्या मंत्राचे अभिप्रेत हे आहे की आमची गाई ज्या नदीतल्या जल प्राशन करतात, त्यांची स्तुति केली पाहिजे.आम्हाला त्यांना हविश पण अर्पण केले पाहिजे.


गूढार्थ: हे मंत्रात नदींच्या शुद्धी ची बाब म्हणाली गेली आहे.शुद्धी तीन प्रकाराने होते-यज्ञाने,अग्नि ने आणि वर्षा ने.शुद्धी चा अर्थ हे पण आहे की काही ही अवांछित वस्तू तिच्यात न टाकणे.


#हिंदी



ऋग्वेद १.२३.१८


अ॒पो दे॒वीरुप॑ ह्वये॒ यत्र॒ गावः॒ पिबं॑ति नः ।

सिंधु॑भ्यः॒ कर्त्वं॑ ह॒विः ॥


अनुवाद:-


अ॒पः दे॒वीः - जल देवी को।


उप॑ ह्वये॒ - प्रशस्ति गीत गाना।


यत्र॒ - जहां पर।


गावः॒ - गायें।


पिबं॑ति - पान करना।


नः - हमारी।


सिंधु॑भ्यः॒ - नदियों के लिए।


कर्त्वम् - अर्पित करना।


ह॒विः - हवि को।


भावार्थ :-अभिप्राय यह है कि जिन नदियों में हमारी गायें जल पीती हैं, वे नदियाँ स्तुति के योग्य हैं। हमें उनको भी हवि अर्पण करना चाहिए।


गूढार्थ:- इस मंत्र में नदियों के शुद्धीकरण की बात कही गई है। शुद्धि तीन तरह से होती है- यज्ञ से,अग्नि से और वर्षा से। शुद्धि का मतलब उसमें अनर्गल चीजें नही डालने से भी है।


#ଓଡ଼ିଆ


ଅପୋ ଦେବୀରୂପ ହ୍ବୟେ ୟତ୍ର ଗାବଃ ପିବାନ୍ତି ନଃ।

ସିନ୍ଧୁଭ୍ଯଃ କର୍ତ୍ବମ୍ ହବିଃ ।


ଅନୁବାଦ-


ଅପଃ ଦେବୀଃ - ଜଳ ଦେବୀଙ୍କୁ |


ଉପ ହ୍ବୟେ- ପ୍ରଶଂସା ଗୀତ ଗାଇବା |


ୟତ୍ର - ଯେଉଁଠାରେ


ଗାବଃ-ଗୌ


ପିବାନ୍ତି - ପାନ କରନ୍ତି


ନଃ- ଆମର


ସିନ୍ଧୁଭ୍ଯଃ - ନଦୀଗୁଡ଼ିକ ପାଇଁ


କର୍ତ୍ବମ୍ - ଅର୍ପଣ କରିବା


ଅର୍ଥ: - ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟ ହେଉଛି ଯେଉଁ ନଦୀଗୁଡ଼ିକରେ ଆମର ଗୌ ମାନେ ଜଳ ପାନ କରନ୍ତି ସେହି ନଦୀଗୁଡ଼ିକ ପ୍ରଶଂସା ପାଇବାକୁ ଯୋଗ୍ୟ ।ଆମେ ସେହି ନଦୀ ମାନଙ୍କୁ ମଧ୍ଯ ଆହୁତି ଅର୍ପଣ କରିବା ଉଚିତ୍ ।



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