In this mantra the cleansing and purifying of Rivers is mentioned. Rivers are cleansed in three ways-by Yagya, Rains and Fire. Cleansing and purifying also means of not throwing unnecessary things into the River @ Rig Ved 1.23.18
अ॒पो दे॒वीरुप॑ ह्वये॒ यत्र॒ गावः॒ पिबं॑ति नः ।
सिंधु॑भ्यः॒ कर्त्वं॑ ह॒विः ॥
Translation:-
अ॒पः दे॒वीः - To Water Goddess.
उप॑ ह्वये॒ - To sing in Praise.
यत्र - That place.
गावः॒ - Cows.
पिबं॑ति - To drink.
नः - Ours.
सिंधु॑भ्यः॒ - For the rivers.
कर्त्वंम् - To dedicate.
ह॒विः - Offering.
Explanation:-This mantra says that those rivers where our cows drink water, are Worthy of being praised. We should dedicate Yagya offerings to them.
Deep meaning, :In this mantra the cleansing and purifying of Rivers is mentioned. Rivers are cleansed in three ways-by Yagya, Rains and Fire. Cleansing and purifying also means of not throwing unnecessary things into the River.
#मराठी
ऋग्वेद १.२३.१८
अ॒पो दे॒वीरुप॑ ह्वये॒ यत्र॒ गावः॒ पिबं॑ति नः ।
सिंधु॑भ्यः॒ कर्त्वं॑ ह॒विः ॥
भाषांतर :-
अ॒पः दे॒वीः - जल देवीला.
उप॑ ह्वये॒ - प्रशस्ति गायन करणे.
यत्र॒ - जिकडे.
गावः॒ - गाई.
पिबं॑ति - प्राशन करणे.
नः - आमचे.
सिंधु॑भ्यः॒ - नदीं साठी.
कर्त्वम् - अर्पित करणे.
ह॒विः - प्राशन करणे.
भावार्थ :- ह्या मंत्राचे अभिप्रेत हे आहे की आमची गाई ज्या नदीतल्या जल प्राशन करतात, त्यांची स्तुति केली पाहिजे.आम्हाला त्यांना हविश पण अर्पण केले पाहिजे.
गूढार्थ: हे मंत्रात नदींच्या शुद्धी ची बाब म्हणाली गेली आहे.शुद्धी तीन प्रकाराने होते-यज्ञाने,अग्नि ने आणि वर्षा ने.शुद्धी चा अर्थ हे पण आहे की काही ही अवांछित वस्तू तिच्यात न टाकणे.
#हिंदी
ऋग्वेद १.२३.१८
अ॒पो दे॒वीरुप॑ ह्वये॒ यत्र॒ गावः॒ पिबं॑ति नः ।
सिंधु॑भ्यः॒ कर्त्वं॑ ह॒विः ॥
अनुवाद:-
अ॒पः दे॒वीः - जल देवी को।
उप॑ ह्वये॒ - प्रशस्ति गीत गाना।
यत्र॒ - जहां पर।
गावः॒ - गायें।
पिबं॑ति - पान करना।
नः - हमारी।
सिंधु॑भ्यः॒ - नदियों के लिए।
कर्त्वम् - अर्पित करना।
ह॒विः - हवि को।
भावार्थ :-अभिप्राय यह है कि जिन नदियों में हमारी गायें जल पीती हैं, वे नदियाँ स्तुति के योग्य हैं। हमें उनको भी हवि अर्पण करना चाहिए।
गूढार्थ:- इस मंत्र में नदियों के शुद्धीकरण की बात कही गई है। शुद्धि तीन तरह से होती है- यज्ञ से,अग्नि से और वर्षा से। शुद्धि का मतलब उसमें अनर्गल चीजें नही डालने से भी है।
#ଓଡ଼ିଆ
ଅପୋ ଦେବୀରୂପ ହ୍ବୟେ ୟତ୍ର ଗାବଃ ପିବାନ୍ତି ନଃ।
ସିନ୍ଧୁଭ୍ଯଃ କର୍ତ୍ବମ୍ ହବିଃ ।
ଅନୁବାଦ-
ଅପଃ ଦେବୀଃ - ଜଳ ଦେବୀଙ୍କୁ |
ଉପ ହ୍ବୟେ- ପ୍ରଶଂସା ଗୀତ ଗାଇବା |
ୟତ୍ର - ଯେଉଁଠାରେ
ଗାବଃ-ଗୌ
ପିବାନ୍ତି - ପାନ କରନ୍ତି
ନଃ- ଆମର
ସିନ୍ଧୁଭ୍ଯଃ - ନଦୀଗୁଡ଼ିକ ପାଇଁ
କର୍ତ୍ବମ୍ - ଅର୍ପଣ କରିବା
ଅର୍ଥ: - ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟ ହେଉଛି ଯେଉଁ ନଦୀଗୁଡ଼ିକରେ ଆମର ଗୌ ମାନେ ଜଳ ପାନ କରନ୍ତି ସେହି ନଦୀଗୁଡ଼ିକ ପ୍ରଶଂସା ପାଇବାକୁ ଯୋଗ୍ୟ ।ଆମେ ସେହି ନଦୀ ମାନଙ୍କୁ ମଧ୍ଯ ଆହୁତି ଅର୍ପଣ କରିବା ଉଚିତ୍ ।
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