Here the word 'Medhavi' implies intelligent. So Parmatma is Intelligence personified, therefore he destroys ignorance and makes us fearless. Knowledge is Power since it controls every thing. We request the Parmatma to let good sense prevail in us @ Rig Ved 1.25.20
त्वं विश्व॑स्य मेधिर दि॒वश्च॒ ग्मश्च॑ राजसि ।
स याम॑नि॒ प्रति॑ श्रुधि|
Translation:
मेधिर - Oh intelligent Varundev!
त्वम् - You.
दिवःच - On Dhyulok.
ग्मःच - On Earth.
विश्वस्य - Entire World.
राजसि - To rule.
सः - You.
यामनि - After Prayer.
प्रति श्रुधि - To give a promise of Protection.
Explanation:- Here Varundev is addressed as the intelligent one.It further says that he rules on Dhyulok, space and the Earth.He is requested to listen to the pleas of his devotees to provide them protection.
Deep meaning: Here the word 'Medhavi' implies intelligent. So Parmatma is Intelligence personified, therefore he destroys ignorance and makes us fearless. Knowledge is Power since it controls every thing. We request the Parmatma to let good sense prevail in us.
#मराठी
ऋग्वेद १.२५.२०
त्वं विश्व॑स्य मेधिर दि॒वश्च॒ ग्मश्च॑ राजसि ।
स याम॑नि॒ प्रति॑ श्रुधि|
भाषांतर :
मेधिर - हे मेधावी वरूणदेव!
त्वम् - आपण.
दिवःच - द्युलोकात.
ग्मःच - भूलोकात.
विश्वस्य - समस्त विश्व.
राजसि - राज्य करत आहेत.
सः - आपण.
यामनि - प्रार्थना नंतर.
प्रति श्रुधि - रक्षण करण्याचे वचन.
भावार्थ :इथे वरूणदेवांना मेधावी संबोधून म्हटले की आपण द्युलोक, भूलोक आणि अंतरिक्ष पर्यंत राज्य करत आहेत,आपण माझी प्रार्थना ऐकून मला सुरक्षितता प्रदान करा.
गूढार्थ:इथे मेधावी चा अर्थ आहे ज्ञानी.तर परमात्मा ज्ञानस्वरूप आहेत, म्हणून ते अज्ञानाला ध्वस्त करून आम्हास अभय करणार. बळा पेक्षा ज्ञान मोठा आहे,म्हणून तो सर्वत्र वस्तुंचा नियंत्रण करतो.परमात्माला प्रार्थना आहे की त्याने आम्हाला सद्बुद्धि प्रदान करावेत.
#हिंदी
ऋग्वेद १.२५.२०
त्वं विश्व॑स्य मेधिर दि॒वश्च॒ ग्मश्च॑ राजसि ।
स याम॑नि॒ प्रति॑ श्रुधि|
अनुवाद :
मेधिर - हे मेधावी वरूण!
त्वम् - आप।
दिवःच - द्युलोक एवं।
ग्मःच - भूलोक और।
विश्वस्य - समस्त विश्व।
राजसि - राज्य करते हैं।
सः - आप।
यामनि - प्रार्थना के बाद।
प्रति श्रुधि - रक्षा करने का वचन देना।
भावार्थ :यहां वरूणदेव को मेधावी के रूप में संबोधित किया गया है। यह कहा गया है कि वे द्युलोक, भूलोक और अंतरिक्ष आदि पर राज्य करते हैं, वे मेरी प्रार्थना सुनें और मुझे सुरक्षा प्रदान करें।
गूढार्थ:यहां मेधावी का अर्थ है ज्ञानी।तो परमात्मा ज्ञानस्वरूप हैं,इसलिए वे अज्ञान को ध्वस्त
करके हमें अभय देंगे। बल से बडा ज्ञान है,वही सबकुछ नियंत्रित करता है।परमात्मा से प्रार्थना करते हैं कि वे हमें सद्बुद्धि दें।
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📸Credit-mahadev_devadidev
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