top of page
Search
Writer's pictureAnshul P

RV 1.3.5

Rig Ved 1.3.5


इंद्रा याहि धियेषितो विप्रजूतः

सुतावतः ।

उप ब्रह्माणि वाघतः



Translation:-


इंद्रा - Indra dev.


याहि - Come.


धियेषितो:-

A}धिये- Yajmaan's devotions.

B}(इ)+षितो- To get.



विप्रजूतः - Inspired by Intellectual Brahman.


सु॒तावतः - Somaras smashed and kept it for you.


उप॒ - We request Indra dev to come.


ब्रह्माणिवा॒घतः - Inspired and prayed as a face of God.


वा॒घतः - Brahmin's.


Explanation:-

Ohh Indra dev Intellectual Brahmin's and Yajmaan are praying you as a face of god Hence please accept their invitation call. Also they have smashed and kept Somras for you.


#मराठी


ऋग्वेद १.३.५


इंद्रा याहि धियेषितो विप्रजूतः

सुतावतः ।

उप ब्रह्माणि वा॒घतः



भाषांतर:-


इंद्रा - इंद्र देव.


याहि - ये.


धियेषितो:-

A}धिये- यजमानाची भक्ति.

B}(इ)+षितो- मिळने.



विप्रजूतः - प्रेरणास्त्रोत हुशार ब्राह्मण.


सु॒तावतः - सोमरस निचोडुंन तुमच्यासाठी ठेवला आहे.


उप॒ - आमची विनंती आहे इंद्र देवाला की तुम्ही यज्ञ स्थल मधे या.


ब्रह्माणिवा॒घतः - तुम्हाला देव रूपांनी वंदितो आणी प्रेरणा घेतो.


वा॒घतः - ब्राम्हण.


स्पष्टीकरण:-

हे इंद्र देव प्रेरणास्त्रोत हुशार ब्राह्मण तुम्हाला तुम्हाला देव रूपांनी वंदितो आणी प्रेरणा घेतो, आमची विनंती आहे इंद्र देवाला की तुम्ही यज्ञ स्थल मधे या आणि सोमरस चा पान करा.



#हिंदी


ऋग्वेद १.३.५


इंद्रा याहि धियेषितो विप्रजूतः

सुतावतः । उप ब्रह्माणि वाघतः



भाषांतर:-


इंद्रा - इंद्र देव।


याहि - आप आइये।


धियेषितो:-

A}धिये- हम यजमानो की भक्ति।

B}(इ)+षितो- प्राप्त होना।



विप्रजूतः - मेधावी ब्राह्मणों से प्रेरित।


सु॒तावतः - सोमरस निचोड़कर आपके पान के लिए रखा है।


उप - हमारी विनंती है इंद्र देव से की आप इस यज्ञ स्थल मे आए।


ब्रह्माणिवाघतः - देव रूपो स्त्रोत्रों से प्रेरित।


वा॒घतः - ब्राम्हण लोग।



स्पष्टीकरण:-

हे इंद्र देव मेधावी ब्राह्मण आपको स्त्रोत्रों के माध्यम से देव रूप मे पूज रहे है और आपका आवाहन कर रहे है। कृपया कर आप इस यज्ञ स्थल मे आए और सोम रास का पान करे।




https://twitter.com/Anshulspiritual/status/1066919605338324993?s=19

5 views0 comments

Recent Posts

See All

Comentários


Post: Blog2_Post
bottom of page