Rig Ved 1.3.6
इंद्रा याहि॒ तूतुजान उप ब्रह्माणि हरिवः ।
सुते दधिष्व नश्चनः ॥
Translation:-
इंद्रा - Indra dev.
तूतुजान - On a faster note.
उप+ याहि - Come.
ब्रह्माणि -To hear about Vedas.
हरिवः - To come by means of Transportation (Horse Chariot).
सुते - Yagya inclusive of Somras.
दधिष्व - Please accept.
नश्चनः - Our Havish ann(Material put in Yagya).
Explanation:- Ohh Indra dev Brahmins are chanting Ved mantra for you to come quickly here at Yagya place via your means of Transportation (Horse Chariot). This yagya is inclusive of Somras hence please accept Our Havish (Material put in Yagya) and Somras.
[28/11, 21:31] Anshul: Rig Ved 1.3.6
इंद्रा याहि तूतुजान उप ब्रह्माणि हरिवः ।
सुते दधिष्व नश्चनः ॥
Translation:-
इंद्रा - Indra dev.
तूतुजान - On a faster note.
उप+ याहि - Come.
ब्रह्माणि -To hear about Vedas.
हरिवः - To come by means of Transportation (Horse Chariot).
सुते - Yagya inclusive of Somras.
दधिष्व - Please accept.
नश्चनः - Our Havish ann(Materiel put in Yagya).
Explanation:- Ohh Indra dev Brahmins are chanting Ved mantra for you to come quickly here at Yagya place via your means of Transportation (Horse Chariot). This yagya is inclusive of Somras hence please accept Our Havish ann(Materiel put in Yagya) and Somras.
#मराठी
ऋग्वेद १.३.६
इंद्रा याहि तूतुजान उप ब्रह्माणि हरिवः ।
सुते दधिष्व नश्चनः ॥
भाषांतर:-
इंद्रा - इंद्र देव.
तूतुजान - लौकर या
उप+ याहि - या.
ब्रह्माणि - वेद संबंधित वार्ता ऐकणे.
हरिवः - आपले साधन(रथा) मध्ये या.
सुते - सोमरस समाविष्ट यज्ञ करणे.
दधिष्व - कृपया ग्रहण करा.
नश्चनः - अन्नाचा समावेश असणारी सामग्री.
स्पष्टिकरण:-हे इंद्र देव ब्राह्मण वेदमंत्रांचे जाप करूण आपल्याला लौकर येण्याची विनंती करतात की आपण आपले साधन(रथा) मध्ये या यज्ञ स्थलात आणी हविश स्वीकारावे.या यज्ञात सोमरस चा समाविष्ट यज्ञ आहे कृपया करून सोमरस चा पान करावे.
#हिंदी
Rig Ved 1.3.6
इंद्रा याहि॒ तूतुजान उप ब्रह्माणि हरिवः ।
सुते दधिष्व नश्चनः ॥
अनुवाद:-
इंद्रा - इंद्र देव।
तूतुजान - शीघ्रता पूर्वक।
उप+ याहि - आइए।
ब्रह्माणि - वेद रूपो स्त्रोत को सुनाने के लिए।
हरिवः - घोड़ा या अपने साधन से आए।
सुते - सोमरस से युक्त यज्ञ कर्म।
दधिष्व - स्वीकार करे।
नश्चनः - हम लोगो का हविश अन्न।
स्पष्टीकरण:- हे इंद्र देव ब्राह्मण / ऋषि लोग आपको यज्ञ स्थल मे शीघ्रता पूर्वक आने का आवाहन कर रहे है। आप कृपया कर के घोड़ा या अपने साधन से आए और उनकी हविश स्वीकारे। वह यज्ञ सोमरस से युक्त है कृपया इसका पान करे।
https://twitter.com/Anshulspiritual/status/1067815195198844928?s=19
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