Rig Ved 1.3.7
ओमासश्चर्षणीधृतो विश्वे देवास आ गत ।
दाश्वांसो दाशुषः सुतं ॥
Translation:-
ओमासश्चर्षणीधृतो:-
A}ओमास - Protectors of Human kind.
B}श्चर्षणीधृतो - One who has ability to carry the entire human kind.
विश्वे॑ + देवास - Group of 35 Deities / Dev.
आ+गत - Come.
दा॒श्वांसो - One who fulfills the wishes and gifts the desired boon during Yagya.
दा॒शुषः - Yajmaan(One who performs Yagya.
सुतं - Somras extracted and kept for dieties.
Explaination:-
Ohh Vishvedev(Group of 35 Deities / Dev of Swarg lok) you are Protector of Human kind and have the ability to carry the entire human kind. You are also One who fulfills the wishes and gifts the desired boon during Yagya. I request you to please come and drink this Somras.
#मराठी
ऋग्वेद १.३.७
ओमासश्चर्षणीधृतो विश्वे॑ देवास आ गत ।
दा॒श्वांसो दा॒शुषः सु॒तं ॥
भाषांतर:-
ओमासश्चर्षणीधृतो:-
A}ओमास - जीव किंवा जीव मात्रचे रक्षक.
B}श्चर्षणीधृतो - मनुष्याना धारण करणारा.
विश्वे+देवास - पसतीस देवतांचा समूह.
आ+गत - यावे.
दा॒श्वांसो - यज्ञकर्माचा फलदाता.
दा॒शुषः - यजमान.
सु॒तं - पिळलेला सोमरस
विश्लेषण.
भावार्थ:-
देव किंवा देवतांचे समूह ला आवाहन करतो कि आपण मनुष्य मात्र चे रक्षक आणी मनुष्याना धारण करणारे आहात, मी आवाहन करतो की आपण यावे.हे यज्ञकर्मांचे आपण फलदाता आहात,म्हणुन यजमानां साठी या आणी पिळलेले सोमरस चा पान करा.
#हिंदी
ऋग्वेद १.३.७
ओमासश्चर्षणीधृतो विश्वे॑ देवास आ गत ।
दा॒श्वांसो दा॒शुषः सु॒तं ॥
अनुवाद:-
ओमासश्चर्षणीधृतो:-
A}ओमास - जीव मात्र के रक्षक।
B}श्चर्षणीधृतो - मनुष्यों को धारण करने वाले।
विश्वे+देवास - पैंतीस देवताओं का समुह।
आ+गत - आइये।
दा॒श्वांसो - यज्ञकर्म के फलदाता।
दा॒शुषः - यजमान।
सु॒तं - निचोड़ा हुआ सोमरस।
भावार्थ:-
हे विश्वे देव(पैंतीस देवताओं का समुह)आप जीव मात्र के रक्षक है तथा मनुष्यों को धारण करने वाले है।
आप यज्ञकर्म के फलदाता भी है। इसलिए हे विश्वे देव हम यजमान आपका आवाहन करते है कि आप कृपया इस यज्ञ में आइये और सोम रस का पान कीजिये।
https://twitter.com/Anshulspiritual/status/1068184717164511234?s=19
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