TRUST PARMATMA, YOUR PATH WILL BE EASY.
Rig Ved 1.30.8
आ घा॑ गम॒द्यदि॒ श्रव॑त्सह॒स्रिणी॑भिरू॒तिभिः॑ ।
वाजे॑भि॒रुप॑ नो॒ हवं॑ ॥
Translation :
यदि - Remembrance.
नः - Ours.
हवम् - To call out.
श्रवत् - To hear.
सहस्त्रिणीभिः - Thousands.
ऊतिभिः - Security.
वाजेभीः - Foodgrains.
उप - Near.
घ - Surely
आ गमत् - To come.
Explanation: This mantra says that Yajmans believe that after hearing their pleas Indradev will surely come for their protection along with lots of security equipment, foodgrains and other things.
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Deep mearning:Here importance of trust is mentioned. The devotees are not distracted on facing difficulties but start praying. Trust is their strength. Trust between husband and wife,between father and son is the basis of strong relationship Wherever there is trust there will be no unhappiness or grief. Because we know that Parmatma will fulfill our wishes.
#मराठी
ऋग्वेद १.३०.८
आ घा॑ गम॒द्यदि॒ श्रव॑त्सह॒स्रिणी॑भिरू॒तिभिः॑ ।
वाजे॑भि॒रुप॑ नो॒ हवं॑ ॥
भाषांतर :
यदि - जर.
नः - आमचे.
हवम् - आवाहनाला.
श्रवत् - ऐकणे.
सहस्त्रिणीभिः - शेकडो.
ऊतिभिः - सुरक्षा.
वाजेभीः - धनधान्याला.
उप - जवळ.
घ - अवश्य.
आ गमत् - येणे.
भावार्थ:ह्या मंत्रात म्हटले आहे की यजमानांना विश्वास आहे की त्यांची प्रार्थना ऐकून इन्द्र आपल्या बरोबर शेकडो रक्षणाची सामग्री, धनधान्य आणि इतर साधन घेउन अवश्य येतील.
गूढार्थ: इथे विश्वासाची बातमी केलेली आहे.भक्तांमध्ये श्रद्धा असून ते अडचणीत विचलित नसतात ह्याचा ऐवजी ते परमात्मांना प्रार्थना करू लागतात .कारण की विश्वास त्यांचा बळ आहे.नवरा बायको मधे,वडिल पुत्र मधे विश्वासच नात्याना बळ देतो.जिथे विश्वास असतो तिथे दुःख नसतो,क्लेश नसतो.कारण आम्हास ज्ञात आहे की आमची कामना पूर्ण होइल.
#हिन्दी
ऋग्वेद १.३०.८
आ घा॑ गम॒द्यदि॒ श्रव॑त्सह॒स्रिणी॑भिरू॒तिभिः॑ ।
वाजे॑भि॒रुप॑ नो॒ हवं॑ ॥
अनुवाद:
यदि - यदि।
नः - हमारे।
हवम् - आवाहन को।
श्रवत् - सुनना।
सहस्त्रिणीभिः - हजारों।
ऊतिभिः - सुरक्षा।
वाजेभीः - अनाज के।
उप - पास में।
घ - अवश्य।
आ गमत् - आना।
भावार्थ:इस मंत्र में कहा गया है कि यजमानो को विश्वास है कि उनकी प्रार्थना को सुनकर इन्द्र अपने साथ हजारों रक्षा सामग्री, अनाज और अन्य साधन लेकर अवश्य आएंगे।
गूढार्थ: यहां पर विश्वास की बात कही गई है।भक्तों में श्रद्धा होती है तो वे विध्नों से विचलित नहीं होते बल्कि परमात्मा से प्रार्थना करते हैं। विश्वास उनका बल है। पति पत्नी में,पिता पुत्र में विश्वास ही रिश्ते का आधार है। जहां विश्वास है वहां न दुख है न क्लेश।क्योंकि हमें पता है कि ईश्वर हमारी हर कामना को पूरा करेगा।
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