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Writer's pictureAnshul P

RV 1.41.5

Updated: Mar 24, 2021


Rig Ved 1.41.5


Yagya means coming together of Upasana(worship)and Tyag(renunciation). Always nurture the good and worship Parmatma. The easiest way to attain this is Yagya. Bhagwan Bhaskar is requested here to spread such illumination so that all the darkness, all the weaknesses and dirt is destroyed and we know our real self.


यं य॒ज्ञं नय॑था नर॒ आदि॑त्या ऋ॒जुना॑ प॒था ।

प्र वः॒ स धी॒तये॑ नशत् ॥


Translation:


नरः - Oh the leaders!


आदित्याः - Adityas.


यम् - Which.


ऋजुना - Yagya.


पथा - Easy path.


नयथ - To get.


सः - That.


वः - yours.


धीतये - to use.


प्र नशत् - To get.


Explanation:Oh Aditya's! You will always remember that Yagya especially where you had to go through a Easy path. How can one forget that?


Deep meaning: Yagya means coming together of Upasana(worship)and Tyag(renunciation). Always nurture the good and worship Parmatma. The easiest way to attain this is Yagya. Bhagwan Bhaskar is requested here to spread such illumination so that all the darkness, all the weaknesses and dirt is destroyed and we know our real self.


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#मराठी


ऋग्वेद १•४१•५


यं य॒ज्ञं नय॑था नर॒ आदि॑त्या ऋ॒जुना॑ प॒था ।

प्र वः॒ स धी॒तये॑ नशत् ॥


भाषान्तर:


नरः - हे पुढारी नो!


आदित्याः - आदित्य.


यम् - ज्या.


ऋजुना - यज्ञात.


पथा - सरळ मार्ग.


नयथ - प्राप्त होणे.


सः - ते.


वः - आपल्या.


धीतये - उपभोगासाठी.


प्र नशत् - प्राप्त होणे.


भावार्थ:हे आदित्य गण! ज्या यज्ञाला आपण सरळ मार्गाने संपन्न करतात ते आपल्या ध्यानात विशेष रूपाने राहतो. हे कसे विस्मृत करू शकतो.


गूढार्थ: यज्ञाचे अर्थ आहे की संगतिकरणने उपासना आणि त्याग. सत् ची संगत केल्यावर परमात्माची पूजा आम्ही करतो. सोपे मार्ग यज्ञाने निर्धारित केलेले आहे म्हणून भगवान भास्कराला प्रकाश पसरवण्या साठी आवाहन केले आहे. ह्या अनुषंगाने सगळं अज्ञान, समस्त दौर्बल्य आणि मलिन्य नष्ट होउन आम्ही स्वतःला जाणून घेउ.



#हिन्दी


ऋग्वेद १•४१•५


यं य॒ज्ञं नय॑था नर॒ आदि॑त्या ऋ॒जुना॑ प॒था ।

प्र वः॒ स धी॒तये॑ नशत् ॥


अनुवाद:


नरः - हे नेताओं !


आदित्याः - आदित्यों ।


यम् - जिस।


ऋजुना - यज्ञ में।


पथा - सरल मार्ग।


नयथ - प्राप्त होना।


सः - वह।


वः - आपके।


धीतये - उपभोग ।


प्र नशत् - प्राप्त होना।


भावार्थ:हे आदित्यों! जिस यज्ञ को आप आसान मार्ग से संपादित करते हैं वह आपके ध्यान में अच्छी तरह से रहता है। ये कैसे भुलाया जा सकता है ।


गूढ़ार्थ:यज्ञ का अर्थ होता है संगतिकरण से उपासना और त्याग।सत् की संगत करें परमात्मा की पूजा करें।सरल से सरल मार्ग यज्ञ से निर्धारित किया जा रहा है तो भगवान भास्कर से प्रकाश फैलाने के लिए आवाहन किया गया है ताकि सारा अज्ञान, सारी दुर्बलता और मलिनता नष्ट हो और हम स्वयं को जान सकें।




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