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Rv 1.7.6

Rig Ved 1.7.6


स नो वृषन्नमु चरुं सत्रादावन्नपा वृधि ।

अस्मभ्यमप्रतिष्कुतः ॥


Translation:-


सत्रादावन् - One who keeps giving throughout.


वृषन् - Responsible for rains( brave Indradev).


अ-़़प्रतिष्कुतःसः - One who never returns his devotees empty handed(Indradev).


अस्मभ्यं नः For us.


अनुमान चरूम् - This cloud.


अरी वृधि - To remove.



Explanation:-


This shloka again highlights the qualities of Indra dev, stating that whatever the devotee wishes, it is fulfilled by Indradev. There is never a "No" for the devotees wishes. Whatever the devotees demands, Indradev fulfills it since Indradev is ever ready and ever victorious. The devotees want him to bring so much rains that after the rains the totally drained clouds disappear from sky.


#मराठी


ऋग्वेद १.७.६


स नो वृषन्नमु चरुं सत्रादावन्नपा वृधि ।

अस्मभ्यमप्रतिष्कुतः ॥


भाषांतर :-


सत्रादावन् - सतत् देणारा.


वृषन् - पाउसा साठी जबाबदार ( शूरवीर इंद्रदेव ).


अ-़़प्रतिष्कुतःसः - जे कधी ही आपल्या भक्ताला रिकामा पाठवत नाही(इंद्रदेव).


अस्मभ्यं नः - आमच्या साठी .


अनुमान चरूम् - हे मेघ.


अरी वृधि - काढने.



भावार्थ:-


ह्या श्लोकात इंद्रदेवांची वैशिष्ठये दर्शवलेली आहेत.जे पण इच्छा भक्तांच्या मनात येतात ते सगळे इंद्रदेव पूर्ण करतात. इंद्रदेव कधी ही आपल्या भक्तांच्या मनात नैराश्य उत्पन्न करीत नाही.भक्तांच्या सगळे मनोगत ते पूर्ण करतात.

भक्त त्याला इतके पाऊस आणण्याची इच्छा करतात की पावसाच्या नंतर पावसामुळे आकाशातून पूर्णपणे ढग अदृश्य होयला पाहिजे.



#हिंदी


ऋग्वेद १.७.६


स नो वृषन्नमु चरुं सत्रादावन्नपा वृधि ।

अस्मभ्यमप्रतिष्कुतः ॥


अनुवाद:-


सत्रादावन् - हे सतत् दान देने वाले।


वृषन् - वर्षा के कारक।


अ-़़प्रतिष्कुतःसः - याचक को विमुख न करने वाले वह(इंद्र देव)


अस्मभ्यं नः हमारे लिए।


अनुमान चरूम् - इस मेघ को।


अरी वृधि - दूर करें।



भावार्थ:-


यह श्लोक फिर से इंद्र देव के गुणों का वर्णन किया है, जिसमें कहा गया है कि भक्त जो भी कामना करते हैं, वह इंद्रदेव द्वारा पूरी की जाती है। भक्तों की इच्छाओं के लिए कभी भी "नहीं" शब्द कदा भी प्रयोग नही होता है। भक्त जो भी मांगते हैं, इंद्रदेव उसे पूरा करते हैं क्योंकि इंद्रदेव हमेशा भक्तों के लिए तैयार होते हैं और हमेशा विजयी होते हैं। भक्त चाहते हैं कि वह इतनी बारिश लाए कि बारिश के बाद पूरी तरह से सूखा हुआ बादल आसमान से गायब हो जाए।




https://twitter.com/Anshulspiritual/status/1139926692980563969?s=19

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