top of page

Rv 1.9.1

  • Writer: Anshul P
    Anshul P
  • May 1, 2020
  • 1 min read

Rig Ved 1.9.1



इंद्रेहि मत्स्यंधसो विश्वेभिः सोमपर्वभिः ।

महाँ अभिष्टिरोजसा ॥



Translation:-


इंद्र - Oh Indra!


एहि-Come (in this yagna).


मत्सि- Be happy.


विश्वेभिः - All(in all aspects) .


सोमपर्वभिः - In the form of somras.


अन्धसः-Foodgrains.


महान - Big


अभिष्टिः - Will win wars(against enemies) .


ओजसा-With strength.



Explanation:-In this mantra the yajmans request to Indradev that oh Indra! You come to the place where we are performing the yagya and you happily consume this food which is just like somras and become strong. This food will provide strength and happiness which will help you to defeat the enemies.



#मराठी


ऋग्वेद १.९.१



इंद्रेहि मत्स्यंधसो विश्वेभिः सोमपर्वभिः ।

महाँ अभिष्टिरोजसा ॥


भाषांतर :-


इंद्रे - हे इंद्र.


एहि- यावे(या यज्ञात) .


मत्सि - प्रसन्न व्हा.


विश्वेभिः - सर्व (प्रकारे) .


सोमपर्वभिः - सोमरस रूपी अन्न (ह्याचा सेवनाने) .


महान - महान.


अभिष्टिः - जिंकणार आहात.


ओजसा-पराक्रमाने.


अन्धस-अन्न.



भावार्थ-


ह्या मंत्रात यजमान इंद्राला आपल्या यज्ञशाळेत येण्याचे निमंत्रण देत आहेत आणी म्हणत अाहेत की हे इंद्रदेव आपण सोमरसाच्या रूपात ह्या अन्नाचे सेवन करून प्रसन्न व्हा आणी सामर्थ्यवान होउन आमच्या शत्रूला पराजित करा.


#हिंदी


ऋग्वेद १.९.१



इंद्रेहि मत्स्यंधसो विश्वेभिः सोमपर्वभिः ।

महाँ अभिष्टिरोजसा ॥



अनुवाद :-


इंद्र - हे इंद्रदेव!


एहि-आइए (इस यज्ञकर्म में).


मत्सि - प्रसन्न हों.


विश्वेभिः - सभी(प्रकार से).


सोमपर्वभिः - सोमरस रूपी.


महान - महान.


अभिष्टिः - जीत हासिल करना(शत्रुओं पर).


ओजसा-बल से.


अन्धसः-अन्न (के सेवन से).



भावार्थ :-


इस मंत्र में यजमान इंद्रदेव से यज्ञशाला में आने का आग्रह करते हैं कि हे इंद्रदेव आप इस सोमरस रूपी अन्न का सेवन प्रसन्न होकर करें और बल पाएँ ताकि आप हमारे शत्रुओं को पराजित कर सकें।



https://twitter.com/Anshulspiritual/status/1162424862239088641?s=19

 
 
 

Recent Posts

See All

Comments


Post: Blog2_Post

Subscribe Form

Thanks for submitting!

  • Facebook
  • Twitter
  • LinkedIn

©2020 by Ved @Layman language. Proudly created with Wix.com

bottom of page